वकालत
कॉलेज स्टूडेंट्स के ग्रुप ने एक #वकील #साहब से पूछा:- "सर, #भारत में 'वकालत' का क्या अर्थ है?" वकील साहब ने कहा कि इसके लिये मैं एक उदाहरण प्रस्तुत करता हूँ। मान लो कि दो व्यक्ति मेरे पास आते हैं। एक बिल्कुल साफ सुथरा और दूसरा बेहद गंदा है। मैं उन दोनों को सलाह देता हूँ कि वे नहा कर साफ सुथरे हो जाए। अब तुम लोग बताओ कि उनमें से कौन नहाएगा? एक स्टूडेंट ने कहा, "जो गंदा है वो नहाएगा।" वकील ने कहा "नहीं, केवल साफ व्यक्ति ही ऐसा करेगा क्योंकि उसे नहाने की आदत है। जबकि गंदे आदमी को तो सफाई का महत्व मालूम ही नहीं। वकील; अब बताओ कौन नहाएगा? दूसरे स्टूडेंट ने कहा, "साफ व्यक्ति।" वकील ने कहा कि नहीं, गंदा व्यक्ति नहाएगा; क्योंकि, उसे सफाई की जरूरत है। अब बताओ कौन नहाएगा?" दो स्टूडेंट ने कहा, "जो गंदा है वो नहाएगा।" वकील ने कहा कि नहीं, दोनों नहाएंगे क्योंकि, साफ व्यक्ति को नहाने की आदत है और गंदे को नहाने की जरूरत। अब बताएं कौन नहाएगा?" अब तीन स्टूडेंट्स एक साथ बोल पड़े, "जी, दोनों नहाएंगे।" वकील ने कहा कि गलत, कोई नहीं नहाएगा, क्योंकि गंदे को नहाने की आदत नहीं जबकि साफ को नहाने की जरूरत नहीं। अब बताएं कौन नहाएगा? एक स्टूडेंट विनम्रता पूर्वक बोला, "सर, आप हर बार अलग-अगल जवाब देते हैं और हर जवाब सही मालूम पड़ता है। हमें सही जवाब कैसे मालूम होगा?" वकील साहब बोले, कि बस यही तो 'वकालत' है। महत्वपूर्ण ये नहीं है कि वास्तविकता क्या है। महत्वपूर्ण यह है कि आप अपनी बात को सही साबित करने के लिए कितने संभावित तर्क प्रस्तुत कर सकते हैं।
क्या समझे?
नहीं समझे?
यही वकालत है।।।।
Advocate Council of India की वॉल से